Small Cap Funds में क्यों आ रहा है ताबड़तोड़ निवेश? निवेश करने से पहले इन 5 प्वाइंट्स को जरूर याद रखें
Small Cap Funds में ताबड़तोड़ निवेश देखा जा रहा है. अप्रैल में इक्विटी कैटिगरी में सबसे ज्यादा इन फंड्स में 2182 करोड़ रुपए का नेट इन्फ्लो दर्ज किया. अगर आप भी इन फंड्स में निवेश करना चाहते हैं तो 5 प्रमुख बातों को ध्यान में रखें.
Small Cap Funds: अप्रैल महीने के लिए म्यूचुअल फंड जा डेटा आया है उसके मुताबिक, इक्विटी इन्फ्लो में करीब 70 फीसदी की बड़ी गिरावट आई और यह 6480 करोड़ रुपए रहा है. हालांकि, स्मॉलकैप फंड्स के प्रति निवेशकों का भरोसा कायम है. AMFI डेटा के मुताबिक बीते महीने स्मॉलकैप फंड्स में 2182 करोड़ रुपए का नेट इन्फ्लो आया. यह इक्विटी कैटिगरी में सबसे ज्यादा निवेश है. 2023 की पहली तिमाही की बात करें तो इस कैटिगरी ने कुल 6932 करोड़ रुपए का इन्फ्लो दर्ज किया है. स्मॉलकैप के अलावा मिडकैप में भी अच्छा निवेश देखा जा रहा है. अप्रैल में इस कैटिगरी में 1790 करोड़ का निवेश आया है.
मैच्योरिटी के अभाव में स्मॉलकैप फंड्स पर ज्यादा फोकस
Small Cap Funds के प्रति निवेशकों के बढ़ते रुझान को लेकर बजाज कैपिटल के ग्रुप डायरेक्टर अनिल चोपड़ा ने कहा कि म्यूचु्अल फंड्स में नए रीटेल निवेशक तेजी से आ रहे हैं. वे SIP के जरिए बाजार में निवेश करते हैं. मैच्योरिटी के अभाव में वे किसी भी फंड के पुराने प्रदर्शन पर ज्यादा फोकस करते हैं. स्मॉलकैप कंपनियों का अच्छा प्रदर्शन उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
बीते कुछ सालों में दिया है शानदार रिटर्न
Small Cap Funds के प्रति बढ़ते आकर्षण के कई बड़े कारण हैं. बीते तीन सालों के प्रदर्शन की बात करें तो लार्जकैप का रिटर्न 25 फीसदी, मिडकैप का रिटर्न 32 फीसदी और स्मॉलकैप का रिटर्न करीब 42 फीसदी है. पिछले 5 सालों में स्मॉल कैप का मार्केट कैप दोगुना हुआ. 2017 में यह 8580 करोड़ से बढ़कर यह 2022 में 16500 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. आनंदराठी वेल्थ लिमिटेड की म्यूचुअल फंड प्रमुख श्वेता रजानी ने कहा कि आज की तारीख में अगर किसी कंपनी का मार्केट कैप 16500 करोड़ रुपए तक है तो वह स्मॉलकैप की कैटिगरी में आता है.
Small Cap Funds में निवेश से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान
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1>> एक्सपर्ट्स ने कहा कि स्मॉलकैप कैटिगरी में 3000 करोड़ से ज्यादा मार्केट कैप की 400 कंपनियां हैं. इन कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा है. फंड मैनेजर्स का इन कंपनियों पर फोकस होता है. ऐसे में लॉन्ग टर्म के लिहाज से इन फंड्स में निवेश करें.
2>> स्मॉलकैप फंड्स को 10-15 साल के लक्ष्यों के लिए चुन सकते हैं. इन फंड्स में वोलाटिलिटी बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में सोच-समझ कर निवेश करें.
3>> छोटी अवधि में स्मॉल कैप में काफी काफी उतार-चढ़ाव दिखता है. ऐसे में सोच-समझ कर निवेश करें और वोलाटिलिटी पर घबराकर नुकसान करने की जरूरत नहीं है.
4>> अच्छे पोर्टफोलियो में अधिकतम 20 फीसदी ही स्मॉलकैप फंड्स में निवेश करें. 80 फीसदी लार्जकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश करना चाहिए.
5>> स्मॉलकैप फंड्स आपको मल्टीबैगर रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन यह हाई रिस्क वाला होता है. ऐसे में निवेशक ज्यादा रिटर्न पाने की लालच में केवल स्मॉलकैप फंड्स पर फोकस नहीं करें.
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10:59 AM IST